Acchi kahani – दोस्तों का जादुई जंगल

acchi kahani - दोस्तों का जादुई जंगल
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अध्याय 1: जंगल की खोज

एक छोटे से गाँव में आरव, माया और नील नाम के तीन प्यारे दोस्त रहते थे। वे हर दिन स्कूल से लौटने के बाद खेलने के लिए बाहर जाते थे। एक दिन, खेलते-खेलते उन्हें गाँव के पास एक घना जंगल दिखाई दिया। जंगल देखकर तीनों के मन में रोमांच उमड़ने लगा। माया बोली, “क्यों न आज हम इस जंगल में जाएं और देखें कि वहाँ क्या है!”

थोड़ा सा डरते हुए, लेकिन जिज्ञासा से भरे तीनों जंगल में अंदर चले गए। थोड़ी देर चलने के बाद, उन्होंने एक पुरानी सी चमकती हुई किताब देखी, जो एक बड़े पेड़ के नीचे पड़ी थी। नील ने किताब उठाई, और जैसे ही उसने उसके पन्ने पलटे, उसमें से रंग-बिरंगे तारे निकलकर आकाश में उड़ने लगे। किताब का शीर्षक था, “जादुई जंगल की कहानियाँ।”

अध्याय 2: जादुई जानवरों से मुलाकात

जंगल के अंदर, अचानक से चारों ओर का वातावरण बदलने लगा। पेड़-पौधे हिलने लगे, जैसे वे बोल रहे हों। तभी एक नन्हा खरगोश सामने आया और उसने मुस्कुराते हुए कहा, “नमस्ते दोस्तों! मैं हूँ बन्नी। तुम लोग यहाँ क्या कर रहे हो?”

आरव, माया और नील ने आश्चर्य से बन्नी को देखा। उन्होंने उसे बताया कि वे जंगल की खोज करने आए हैं। बन्नी ने कहा, “अरे वाह! तब तो तुम्हें मेरे जादुई दोस्तों से मिलवाता हूँ।”

थोड़ी ही देर में, वहाँ एक तोता, एक नन्हा हिरण और एक चंचल गिलहरी भी आ गए। ये सब जानवर बातें करते थे और तीनों बच्चों से दोस्ती करना चाहते थे। तोते ने कहा, “हमारा यह जंगल जादुई है। यहाँ हर पेड़, हर पौधा एक कहानी कहता है।”

अध्याय 3: रहस्यमयी झील

बन्नी ने बच्चों को बताया कि जंगल के बीच में एक जादुई झील है, जो हर कोई नहीं देख सकता। “लेकिन आज तुम लोग यहाँ आए हो, तो मैं तुम्हें वहाँ लेकर चलूँगा,” बन्नी ने कहा।

जब वे झील के पास पहुंचे, तो झील का पानी चमक रहा था, जैसे उसमें चाँदनी की किरणें बस गई हों। बन्नी ने बच्चों से कहा कि अगर वे झील के पानी में अपनी एक ख्वाहिश बोलेंगे, तो झील उनकी ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश करेगी।

माया ने झील से कहा, “मैं चाहती हूँ कि हमारे गाँव में कभी भी किसी को भूखा न रहना पड़े।” आरव ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि हम तीनों हमेशा अच्छे दोस्त बने रहें।” नील ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि हमें हमेशा ऐसा ही जादुई रोमांच मिलता रहे।” झील की चमक और बढ़ गई और उसने तीनों बच्चों की बात मानने का संकेत दिया।

अध्याय 4: विदाई और वादा

जब बच्चों ने वापस जाने का सोचा, तो बन्नी, तोता और हिरण ने उन्हें रास्ते तक छोड़ा। बन्नी ने कहा, “याद रखना, यह जंगल तुम्हारा दोस्त है। जब भी तुम्हें किसी जादुई मदद की ज़रूरत हो, तुम यहाँ आ सकते हो।”

तीनों दोस्तों ने अपने नए दोस्तों से वादा किया कि वे फिर से आएंगे और उनसे मिलेंगे। अपने नए अनुभवों के साथ, वे अपने गाँव लौट आए। उस रात, तीनों को एक ही सपना आया कि उनके गाँव में सब खुश हैं, और वे तीनों दोस्त हमेशा साथ रहेंगे।

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