एपिसोड की शुरुआत प्रेम के राही को देखते हुए होती है, जबकि माही प्रेम से पूछती है कि क्या वह भुट्टा खाएगा। प्रेम उसे धन्यवाद देता है। अनुपमा वहाँ आती है और कहती है कि वह एटीएम से पैसे निकालने गई थी। तोषु कहता है कि वह ऑनलाइन भुगतान भी कर सकती थी। अनुपमा कहती है कि उसे अपनी टीम को तिलक के साथ लिफाफे में सैलरी देना पसंद है, ताकि उन्हें यह एहसास हो कि उन्होंने मेहनत से पैसे कमाए हैं। वह राही को लिफाफा देती है और कहती है, “यह तुम्हारी कमाई है।” राही उसे लेकर वापस दे देती है। अनुपमा कहती है कि वह इसे रख लेगी, लेकिन यह उसका ही रहेगा।
फिर वह प्रेम को लिफाफा ऑफर करती है। प्रेम पैसे लेने से इनकार कर देता है और कहता है, “मैं यहाँ खाता हूँ, रहता हूँ और मुझे पैसों की जरूरत नहीं है।” अनुपमा कहती है कि तुम्हारे परिवार में कोई तो होगा। प्रेम बताता है कि वह अनाथ है और उसका कोई नहीं है। तोषु और पाखी उससे पूछते हैं कि क्या उसके कोई रिश्तेदार नहीं हैं। प्रेम कहता है, “शायद होंगे, लेकिन मुझे उनके बारे में कुछ पता नहीं।” वह कहता है कि वह कावेरी की शेड में पूरी जिंदगी रह सकता है और उसे ऐसा लगता है कि अब वह परिवार का हिस्सा बन गया है। अनुपमा मुस्कुराते हुए कहती है, “तुम हमारे परिवार का हिस्सा हो।”
जीप में, अनुपमा कहती है, “बहुत ठंड है।” वह कान्हा जी को बड़े ऑर्डर्स के लिए धन्यवाद देती है। प्रेम कहता है कि “अनु की रसोई” एक दिन सबसे बेहतरीन कैटरिंग कंपनी बनेगी। अनुपमा कहती है, “घी-शक्कर तुम्हारे मुँह में।” प्रेम कहता है, “राही आपके साथ है, तो आपका बिज़नेस जरूर तरक्की करेगा।” अनुपमा कहती है कि उसकी दोनों बेटियाँ टैलेंटेड हैं। माही घर के कामों में अच्छी है, जबकि राही बिज़नेस में अच्छी है। प्रेम माही की तारीफ करते हुए कहता है, “जहाँ माही जाएगी, वहाँ स्वर्ग बना देगी।” अनुपमा कहती है, “जो माही से शादी करेगा, वह बहुत भाग्यशाली होगा।”
प्रेम फिर राही की तारीफ करते हुए कहता है, “वह परफेक्ट, मजबूत, आत्मनिर्भर, सच्चाई के लिए लड़ने वाली और क्रिएटिव है। वह लड़कों का काम भी कर लेती है और लड़कियों जैसी नाज़ुक भी नहीं है।” अनुपमा हंसते हुए पूछती है, “फिर आगे क्या?” प्रेम कहता है, “वह बिजनेस पार्टनर है, इसलिए उसे फैसले लेने पड़ते हैं।” अनुपमा उससे उसके भविष्य के बारे में पूछती है। प्रेम बताता है कि वह एक कैफ़े खोलना चाहता है।
माही पाखी से कहती है कि मम्मी प्रेम से उसके बारे में बात करने गई हैं। पाखी मजाक उड़ाते हुए कहती है, “मम्मी शायद प्रेम को राही के साथ सेट कर रही हैं। खुश मत हो।” दूसरी ओर, राधा राही का मजाक उड़ाते हुए कहती है, “तुमने तीन चोटियाँ क्यों बनाई हैं?” राही यादों में खो जाती है और दुविधा में रहती है।
अनुपमा और प्रेम मार्केट में होते हैं। अनुपमा एक लड़की को ट्रक के सामने चलता देखती है। वह दौड़कर लड़की को बचा लेती है। लड़की सुरक्षित रहती है लेकिन बेहोश हो जाती है। प्रेम पानी लेकर आता है। लड़की होश में आने के बाद खुद को संभालती है और ऑटो में बैठकर चली जाती है। प्रेम लड़की का चेहरा देखकर घबरा जाता है।
रात में, प्रेम लड़की को फोन करता है और कहता है, “तुम सड़क पर बेहोश हो गई थीं। अपना ध्यान रखना। तुम्हारा मेरे लिए बहुत महत्व है। मैं तुमसे मिलने आऊंगा।” तभी वह पलटकर देखता है कि राही वहाँ खड़ी है। राही उसके पास आती है और गिर पड़ती है। प्रेम कहता है, “मैंने कुछ नहीं किया। शायद किस्मत हमें मिलाना चाहती है।” राही का दुपट्टा प्रेम की घड़ी में फंसा होता है। राही उसे छुड़ाने की कोशिश करती है।
प्रेम उससे कहता है, “मैं तुमसे प्यार करता हूँ, राही…।” राही दूर जाने लगती है लेकिन उसके बाल प्रेम की जैकेट की चेन में फंस जाते हैं। वह बाल छुड़ाने के चक्कर में खुद को चोट पहुँचा लेती है। प्रेम कहता है, “मुझे थप्पड़ मारो, डांटो लेकिन खुद को दर्द मत दो। मैं तुम्हें प्यार देना चाहता हूँ, दर्द नहीं।” तभी अनुपमा वहाँ आती है और दोनों को देखती है। वह पूछती है, “क्या हुआ?” प्रेम कहता है, “हम कल के ऑर्डर्स की बात कर रहे थे।” अनुपमा कहती है, “कान्हा जी, इन्हें संभालना।”
प्रीकैप:
राही प्रेम से कहती है, “तुम मेरे जवाब का इंतजार कर रहे थे ना। मैं तुमसे प्यार नहीं करती।” प्रेम टूटे दिल के साथ वहाँ से चला जाता है। रास्ते में कुछ गुंडे उस पर हमला कर देते हैं और बुरी तरह पीटते हैं।