एपिसोड की शुरुआत मनीष के अभिरा को अरमान से रिश्ता खत्म करने की सलाह देने से होती है। स्वर्णा कहती हैं, “बस, आप उनका रिश्ता तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हम भी झगड़ते हैं और सुलझाते हैं, यह अभिरा की जिंदगी है और वही तय करेगी कि उसे क्या करना है। आप इस मामले में उससे और बात नहीं करेंगे।”
विद्या अरमान से बात करती हैं। अरमान कहता है, “मैं अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं।” विद्या उसे धैर्य रखने और अभिरा को सोचने का समय देने को कहती हैं कि क्या यह शादी उसके लिए मायने रखती है या नहीं।
रुही, दक्ष को पार्क लेकर जाती है। वह उसे मुस्कुराते हुए देखती है और खुश हो जाती है। तभी अभिरा का फोन आता है। वह रुही से कहती है कि उसे दक्ष को कल अस्पताल लेकर जाना है। अभिरा दक्ष की आवाज सुनकर फोन काट देती है और रोने लगती है। वह सोचती है, “मैं दक्ष और अरमान के पास नहीं जा सकती। क्या अरमान को बताऊं कि मैंने तलाक के कागज नहीं बनाए, लेकिन मनीष के शब्दों का क्या?”
दक्ष रोने लगता है। रुही कहती है, “मैं जानती हूं कि तुमने अभिरा की आवाज सुनी और रोने लगे। वह तुम्हारी मम्मा नहीं है, मैं तुम्हारी मम्मा हूं। प्लीज मुझे अपना लो।” वह दक्ष को गले लगा लेती है। दक्ष तितलियां देखकर शांत हो जाता है, और रुही भी मुस्कुरा देती है।
अभिर वहां आता है और कहता है, “बच्चा और मां एक जैसे हैं, तुम्हारा बेटा बिल्कुल तुम पर गया है।” वह दक्ष को ले जाता है। अभिर कहता है, “मैंने यह सब उसके लिए किया, तुम्हारे लिए नहीं।” रुही कहती है, “झूठे।” अभिर कहता है कि यह सब मनीष के कारण हुआ। रुही जवाब देती है, “दूसरों को दोष देना आसान है। मेरी मां तुम्हारी मां के कारण मरी थी।” दोनों के बीच बहस होती है।
रुही कहती है, “सबकुछ भूलकर पुराने वाले अभिर बन जाओ।” वे दोनों मजाक करते हैं और हंसने लगते हैं। रुही कहती है, “हमारे पास खुश रहने की कई वजहें हैं।” अभिर कहता है, “अभिरा के पास कोई वजह नहीं है। उसने इस बच्चे को अपना माना क्योंकि उसे सच्चाई का पता नहीं था।” रुही कहती है, “यह उसकी गलती नहीं थी, अरमान की थी। उसने सही किया कि अलग होने का फैसला किया।”
दादी कहती है, “मैं फंक्शन में नहीं जाऊंगी और मनीष को अवॉर्ड नहीं दूंगी।” मनीष इनवाइट को फाड़ देते हैं और कहते हैं, “मैं भी वहां नहीं जाऊंगा।” परिवार के बाकी सदस्य दोनों को फंक्शन में जाने के लिए मना लेते हैं।
अरमान प्रार्थना करता है कि अभिरा वापस आए और उसे माफ कर दे। तभी अभिरा वहां आती है और कहती है, “मैंने तुम्हें माफ कर दिया।” अरमान हैरान होकर पलटता है और कहता है, “क्या तुम मुझसे नाराज नहीं हो? शुक्रिया, मैं अब तुमसे कुछ नहीं छिपाऊंगा। मैं तुम्हारे दिल को संभाल कर रखूंगा।” वह वादा करता है कि अब सिर्फ खुशियां होंगी। अभिरा उससे अपना बच्चा वापस लाने की भीख मांगती है। अरमान गिर जाता है और चोटिल हो जाता है। वह मुड़कर देखता है लेकिन वहां अभिरा नहीं होती।
अभिरा अरमान को याद कर उदास हो जाती है। अभिर आता है और उसे खुश करने की कोशिश करता है। वह सैंडविच लाता है और उसे खिलाता है। अभिरा कहती है, “मुझे नहीं पता था कि मम्मा जैम बनाती थीं।” अभिर जवाब देता है, “हां, आधा मैं खा जाता था।” दोनों हंसते हैं।
अभिर कहता है, “मैं चाहता हूं कि तुम सोच-समझकर फैसला लो। मुझे अरमान पसंद नहीं, लेकिन मनीष कल अपना फैसला बदल सकते हैं। उनके गुस्से से ज्यादा अहम उनका अहंकार है।”
दूसरी ओर, विद्या और दादी अरमान को गिरा हुआ पाते हैं और उसकी मदद करती हैं। दादी कहती हैं, “झूठी उम्मीद छोड़ दो। अभिरा तुम्हें फोन नहीं करेगी।” तभी अभिरा अरमान को फोन करती है और कहती है, “मैं तुमसे कल मिलना चाहती हूं।” अरमान खुश होकर कहता है, “वह मुझसे मिलना चाहती है।”
सुबह:
मनीष लीगल पेपर्स दिखाते हैं और कहते हैं, “स्पॉन्सर्स ने तुम पर केस कर दिया है। यह केस पोद्दार फर्म लड़ रही है। तुम्हारा नाम और प्रतिष्ठा दांव पर है।” अभिर गुस्से में आ जाता है। मनीष कहते हैं, “यह मौका तुमने उन्हें खुद दिया है। प्रार्थना करो कि संजय तुम्हारे खिलाफ केस न लड़े।”
दादी संजय से कहती हैं कि वह अभिर का केस चारू को दे दें। संजय कहता है, “लेकिन क्यों? मैं इसे आसानी से जीत सकता हूं।” दादी कहती है, “चारू को मौका दो, इससे हमें और पब्लिसिटी मिलेगी।”
अभिरा अरमान से मिलती है और पूछती है, “कैसे हो?” अरमान कहता है, “मैं ठीक हूं। और तुम?” अभिरा कहती है, “पता नहीं, मैं उस दिन का इंतजार कर रही हूं जब मेरे आंसू रुक जाएंगे।” अरमान उसे रोते हुए देखता है और कहता है, “मुझे माफ कर दो। तुम्हारे बिना जीना मेरे लिए नामुमकिन है। प्लीज बताओ, मैं क्या करूं कि तुम वापस आ जाओ?”
प्रीकैप:
दादी अवॉर्ड फंक्शन में मनीष का अपमान करती है। अरमान और अभिरा के बीच बहस होती है। मनीष गिर जाते हैं, और अभिरा अरमान पर गुस्सा करती है।